ट्रेडिंग में डिलीवरी ब्रोकरेज चार्जेस

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क्या आप शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहते हैं? तो आपको डिलीवरी ब्रोकरेज चार्जेस के बारे में जानना बहुत जरूरी है। ये वो शुल्क हैं जो आप अपने ब्रोकर को शेयर खरीदने और बेचने के लिए देते हैं। जैसे कि आप किसी दुकान से सामान खरीदते समय उसका मूल्य चुकाते हैं, वैसे ही शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के लिए भी आपको कुछ शुल्क देना पड़ता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि ये चार्जेस क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं, और आपकी ट्रेडिंग को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। चाहे आप नए निवेशक हों या अनुभवी, यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।

डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज क्या है?

डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज वह शुल्क है जो आप अपने ब्रोकर को शेयर खरीदने या बेचने के लिए देते हैं। यह एक तरह की सेवा शुल्क है। जैसे आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद बिल के साथ सर्विस चार्ज देते हैं, वैसे ही शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने पर ब्रोकर को यह शुल्क दिया जाता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग का मतलब है कि आप शेयर खरीदकर उन्हें अपने डीमैट अकाउंट में रखते हैं। यह इंट्राडे ट्रेडिंग से अलग है, जहां आप एक ही दिन में शेयर खरीदते और बेचते हैं।

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सामग्री की तालिका

  1. डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज क्या है?
  2. ब्रोकर क्या करता है?
  3. डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज की गणना कैसे होती है?
  4. विभिन्न प्रकार के ट्रेडों के लिए ब्रोकरेज कैसे लगता है?
  5. ब्रोकरेज चार्ज को प्रभावित करने वाले कारक
  6. ब्रोकरेज चार्जेस की तुलना कैसे करें?
  7. ब्रोकरेज चार्जेस कम करने के टिप्स

ब्रोकर क्या करता है?

  1. आपके ऑर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचाता है।
  2. खरीद-बिक्री का हिसाब-किताब रखता है।
  3. आपके डीमैट अकाउंट में शेयर जमा करवाता है।
  4. पैसों का लेन-देन सुनिश्चित करता है। 

इन सेवाओं के लिए ब्रोकर डिलीवरी ब्रोकरेज चार्ज लेता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज की गणना कैसे होती है?

डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज की गणना आमतौर पर ट्रेड के मूल्य पर आधारित होती है। यह मूल्य शेयरों की संख्या और उनके प्रति शेयर मूल्य का उत्पाद होता है। आइए कुछ उदाहरणों से समझें: 

इक्विटी डिलीवरी 

यहाँ ब्रोकरेज शुल्क आमतौर पर खरीद और बिक्री दोनों पर लगाते है। यह कुल व्यापार मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए, अगर ब्रोकरेज 0.5% है और आप 10,000 रुपये के शेयर खरीदते और बेचते हैं, तो खरीद पर 50 रुपये और बिक्री पर 50 रुपये ब्रोकरेज लगेगा।

इंट्राडे ट्रेडिंग 

इसमें एक ही दिन में खरीद-बिक्री होती है। कई ब्रोकर इसमें सिर्फ बिक्री पर ही शुल्क लेते हैं, खरीद पर नहीं। इससे इंट्राडे ट्रेडिंग सस्ती हो जाती है।

फ्लैट रेट प्रति ट्रेड 

इसमें हर सौदे पर एक निश्चित राशि ली जाती है। यानी चाहे आप कितना भी खरीदें या बेचें, शुल्क एक ही रहता है। कई बार ब्रोकर कहते हैं कि वे 20 रुपये या 0.1% में जो कम हो, वो लेंगे। जैसे 10,000 रुपये के सौदे पर 0.1% यानी 10 रुपये लगेंगे, क्योंकि यह 20 रुपये से कम है।

ध्यान दें: ये उदाहरण हैं और वास्तविक ब्रोकरेज रेट्स अलग-अलग ब्रोकरों के लिए भिन्न हो सकती हैं।

विभिन्न प्रकार के ट्रेडों के लिए ब्रोकरेज कैसे लगता है?

शेयर बाज़ार में कई तरह के ट्रेड होते हैं, और हर एक पर अलग तरह से ब्रोकरेज लगता है। आइए जानें कि अलग-अलग ट्रेडों में ब्रोकर कैसे अपना शुल्क लेता है और यह आपकी कमाई को कैसे प्रभावित करता है।

1. इक्विटी डिलीवरी ट्रेडिंग

यह वह ट्रेडिंग है जहां आप शेयर खरीदकर एक दिन से अधिक समय तक रखते हैं। ब्रोकरेज खरीद और बिक्री दोनों पर लगता है। कुछ डिस्काउंट ब्रोकर डिलीवरी ट्रेडों पर ब्रोकरेज नहीं लेते।

2. इंट्राडे इक्विटी ट्रेडिंग

इसमें आप एक ही दिन में शेयर खरीदते और बेचते हैं। ब्रोकरेज आमतौर पर खरीद और बिक्री दोनों पर लगता है। कई ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडों पर कम ब्रोकरेज लेते हैं।

3. स्टॉक फ्यूचर्स ट्रेडिंग

यहां आप भविष्य की तारीख के लिए शेयर खरीदने या बेचने का अनुबंध करते हैं। ब्रोकरेज या तो ट्रेड मूल्य का प्रतिशत होता है या फिर एक निश्चित राशि। फ्यूचर्स ट्रेडिंग में लाभ या हानि सीधे आपके ट्रेडिंग अकाउंट में जोड़ी या घटाई जाती है।

ब्रोकरेज चार्ज को प्रभावित करने वाले कारक

शेयर बाज़ार में ब्रोकरेज चार्जेस कई बातों पर निर्भर करते हैं। आइए जानें वो कौन से कारक हैं जो तय करते हैं कि आपको कितना ब्रोकरेज देना पड़ेगा और कैसे ये आपकी ट्रेडिंग लागत को प्रभावित करते हैं।

  1. ब्रोकरेज फर्म: हर ब्रोकर की अपनी प्राइसिंग नीति होती है। कुछ ब्रोकर कम चार्ज लेते हैं लेकिन सीमित सेवाएं देते हैं। कुछ ज्यादा चार्ज लेते हैं पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करते हैं। 
  2. ट्रेड का प्रकार: डिलीवरी ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग ब्रोकरेज हो सकता है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए अलग चार्ज हो सकते हैं। 
  3. ट्रेड की मात्रा: कई ब्रोकर बड़े ट्रेडर्स को कम ब्रोकरेज की सुविधा देते हैं। ज्यादा ट्रेड करने पर ब्रोकरेज कम हो सकता है। 
  4. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म: मोबाइल ऐप, वेब प्लेटफॉर्म, या डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर पर अलग-अलग चार्ज हो सकते हैं।
  5. अकाउंट का प्रकार: रेगुलर ट्रेडिंग अकाउंट और प्रीमियम अकाउंट के लिए अलग-अलग चार्ज हो सकते हैं। 
  6. मार्केट कंडीशन: कभी-कभी मार्केट की स्थिति के अनुसार ब्रोकर अपने चार्ज बदल सकते हैं।

ब्रोकरेज चार्जेस की तुलना कैसे करें?

विभिन्न ब्रोकर्स के शुल्क में अंतर जानना जरूरी है। आइए समझें कि ब्रोकरेज चार्जेस की तुलना कैसे करें ताकि आप अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकें।

  1. ब्रोकरेज कैलकुलेटर का उपयोग करें: कई ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं जो विभिन्न ब्रोकरों के चार्ज की तुलना करने में मदद करते हैं। अपने ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से कैलकुलेशन करें।
  2. सभी शुल्कों को ध्यान में रखें: सिर्फ ब्रोकरेज ही नहीं, अन्य चार्जेस जैसे डीमैट चार्ज, AMC (Annual Maintenance Charges) आदि भी देखें।
  3. सेवाओं की तुलना करें: कम चार्ज के साथ-साथ ब्रोकर की सेवाओं की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। रिसर्च रिपोर्ट्स, कस्टमर सपोर्ट, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्वालिटी आदि पर भी ध्यान दें। 
  4. कम  ब्रोकरेज देखें: कुछ ब्रोकर कम ब्रोकरेज चार्ज करते हैं। यह छोटे ट्रेडों के लिए महंगा हो सकता है। 
  5. प्लान्स की तुलना करें: कई ब्रोकर अलग-अलग प्लान्स ऑफर करते हैं। अपने ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से सही प्लान चुनें।

ब्रोकरेज चार्जेस कम करने के टिप्स

निवेश पर लाभ बढ़ाने के लिए ब्रोकरेज शुल्क कम करना महत्वपूर्ण है। आइए जानें कुछ आसान तरीके जिनसे आप अपने ब्रोकरेज खर्चों को कम कर सकते हैं।

  1. डिस्काउंट ब्रोकर का चयन करें: ये ब्रोकर कम चार्ज लेते हैं लेकिन सीमित सेवाएं देते हैं। अगर आप अनुभवी ट्रेडर हैं तो यह अच्छा विकल्प हो सकता है।
  2. वॉल्यूम डिस्काउंट का लाभ उठाएं: कुछ ब्रोकर ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम पर डिस्काउंट देते हैं। अपने ट्रेडों को एक ही ब्रोकर के साथ करें।
  3. फ्लैट फी स्ट्रक्चर का लाभ उठाएं: कुछ ब्रोकर प्रति ट्रेड एक निश्चित शुल्क लेते हैं। बड़े ट्रेडों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है। 
  4. ब्रोकर से बातचीत करें: अगर आप नियमित और बड़े ट्रेडर हैं, तो ब्रोकर से बात करके बेहतर रेट्स पा सकते हैं। 
  5. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आमतौर पर ऑफलाइन ट्रेडिंग से सस्ते होते हैं। तो आप इसका इस्तमाल कर सकते हैं।

समाप्ति
डिलीवरी ब्रोकरेज चार्जेस शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन्हें समझना और सही तरीके से प्रबंधित करना आपकी ट्रेडिंग सफलता के लिए जरूरी है। याद रखें हमेशा विभिन्न ब्रोकरों के चार्जेस की तुलना करें। अपने ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार सही ब्रोकर और प्लान चुनें। सिर्फ चार्जेस ही नहीं, ब्रोकर की सेवाओं की गुणवत्ता भी देखें।नियमित रूप से अपने खर्चों की समीक्षा करें और जहां संभव हो, बचत करें।

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डिलीवरी ट्रेडिंग ब्रोकरेज से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज चार्जेस आमतौर पर ट्रेड मूल्य का 0.3% से 0.5% तक होते हैं। हालांकि, कुछ डिस्काउंट ब्रोकर डिलीवरी ट्रेडों पर शून्य ब्रोकरेज भी ऑफर करते हैं।

डिलीवरी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। फिर आप अपने पसंदीदा ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करके शेयर खरीद और बेच सकते हैं।

हां, कुछ ब्रोकर बड़े या नियमित ट्रेडर्स के लिए ब्रोकरेज चार्जेस पर बातचीत करने की अनुमति देते हैं। आप अपने ब्रोकर से संपर्क करके बेहतर रेट्स के लिए बात कर सकते हैं।

हां, कई ब्रोकर ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम पर कम ब्रोकरेज या विशेष छूट प्रदान करते हैं। यह ब्रोकर की प्राइसिंग नीति पर निर्भर करता है।

कुछ ब्रोकर न्यूनतम ब्रोकरेज शुल्क निर्धारित करते हैं, जबकि अन्य नहीं। यह ब्रोकर और उनके प्राइसिंग मॉडल पर निर्भर करता है। ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर की फीस स्ट्रक्चर को अच्छी तरह से समझ लें।