कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट क्या होता है?

कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट क्या होता है?

  • Calender28 Aug 2024
  • user By: BlinkX Research Team
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  • कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट एक ऐसा खाता होता है जो कंपनियों को अपने शेयर और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने की सुविधा देता है। यह खाता शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग और निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बहुत जरूरी होता है। इसकी मदद से कंपनियां अपने निवेश को आसानी से मैनेज कर सकती हैं और कागजी झंझट से बच सकती हैं। साथ ही, यह खाता कंपनियों को सुरक्षित और कुशल तरीके से अपने शेयरों का प्रबंधन करने में मदद करता है। आइए इस खाते के बारे में विस्तार से जानते हैं।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट क्या होता है?

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट एक विशेष प्रकार का बैंक खाता होता है जो कंपनियों को अपने शेयर और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा देता है। यह खाता शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग और निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। 

    इस खाते के कई फायदे हैं: 

    1. कागज़ी काम कम होता है: शेयरों की खरीद-बिक्री और ट्रांसफर में कागज़ी कार्रवाई कम हो जाती है। 
    2. सुरक्षित होता है: फर्जीवाड़ा और नुकसान के खतरे से बचाव होता है। 
    3. तेज़ प्रोसेसिंग: लेन-देन तेज़ी से होते हैं। 
    4. कम खर्च: ट्रांजैक्शन की लागत कम हो जाती है।

    सामग्री की तालिका

    1. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट क्या होता है?
    2. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की विशेषताएं
    3. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के फायदे
    4. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?
    5. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के प्रकार
    6. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के चार्जेस
    7. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट का उपयोग 
    8. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की सुरक्षा
    9. कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के साथ आम समस्याएं और उनके समाधान 

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की विशेषताएं

    आइए अब हम कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की कुछ खास विशेषताओं के बारे में जानें: 

    1. कागज़ी काम में कमी: शेयरों की मालिकी, खरीद-बिक्री और ट्रांसफर में कागज़ी कार्रवाई बहुत कम हो जाती है। 
    2. बोनस और राइट्स शेयर का तुरंत क्रेडिट: कंपनी को मिलने वाले बोनस या राइट्स शेयर सीधे इस खाते में जमा हो जाते हैं। 
    3. फिजिकल सर्टिफिकेट से जुड़े खतरों से बचाव: शेयरों के कागज़ी सर्टिफिकेट खोने या खराब होने का कोई डर नहीं रहता। 
    4. तेज़ और कुशल ट्रेडिंग: शेयरों की खरीद-बिक्री बहुत तेज़ी से और आसानी से हो जाती है।
    5. ऑटोमेटिक शेयर क्रेडिट: कंपनियों के मर्जर या अधिग्रहण के दौरान शेयर अपने आप क्रेडिट हो जाते हैं। 
    6. फिजिकल शेयरों से जुड़ी समस्याओं का समाधान: कागज़ी शेयरों से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के फायदे

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट खोलने से कंपनियों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। आइए इन फायदों को विस्तार से समझें: 

    1. सुरक्षा: फिजिकल सर्टिफिकेट खोने या खराब होने का कोई खतरा नहीं रहता। सभी शेयर और सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रहते हैं। 
    2. डिमैटेरियलाइजेशन: सभी सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदला जा सकता है, जिससे उनका प्रबंधन आसान हो जाता है। 
    3. तेज़ ट्रांसफर: शेयरों का ट्रांसफर बहुत तेज़ी से हो जाता है, जिससे समय और मेहनत दोनों बचती है। 
    4. ऑटो क्रेडिट: डिविडेंड और बोनस शेयर अपने आप खाते में जमा हो जाते हैं। 
    5. कम कागज़ी काम: बड़ी मात्रा में कागज़ों को संभालने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
    6. समय और पैसे की बचत: कई प्रक्रियाएं ऑटोमेटिक हो जाती हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?

    अब आइए जानते हैं कि कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। इसके लिए कुछ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और जरूरी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है।

    एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया 

    1. कंपनी का प्रकार: आपकी कंपनी एक कानूनी मान्यता प्राप्त व्यावसायिक संस्था होनी चाहिए, जैसे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म आदि। 
    2. KYC अनुपालन: कंपनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को "अपने ग्राहक को जानिए" (KYC) के नियमों का पालन करना होगा। 
    3. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता: कंपनी के वित्तीय लेनदेन के लिए एक अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता होना चाहिए। 
    4. बोर्ड रेजोल्यूशन: कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट खोलने के लिए बोर्ड का अनुमोदन जरूरी है।

    जरूरी दस्तावेज़ 

    सही दस्तावेज़ जमा करना बहुत जरूरी है। यह आपके कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका अकाउंट नियमों के अनुसार चल रहा है, आपकी संपत्ति सुरक्षित है और निवेश को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है। 

    निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता है:

    1. कंपनी के लेटरहेड पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का रेजोल्यूशन
    2. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची
    3. सभी निदेशकों की सूची
    4. शेयरहोल्डिंग पैटर्न
    5. कंपनी के PAN कार्ड की कॉपी
    6. कंपनी के पते का प्रमाण
    7. अधिकृत निदेशकों और हस्ताक्षरकर्ताओं के PAN और आधार कार्ड की स्व-प्रमाणित कॉपी
    8. कंपनी के बैंक खाते का रद्द किया हुआ चेक
    9. पिछले दो वित्तीय वर्षों की बैलेंस शीट का सारांश
    10. मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MOA) और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AOA)
    11. इनकॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के प्रकार

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं: 

    1. रेगुलर कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट: यह सामान्य कंपनियों के लिए होता है जो शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहती हैं।

    2. प्रोमोटर कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट: यह उन कंपनियों के लिए होता है जो किसी लिस्टेड कंपनी के प्रोमोटर हैं।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के चार्जेस

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के साथ कुछ चार्जेस भी जुड़े होते हैं। ये चार्जेस अलग-अलग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य चार्जेस इस प्रकार हैं: 

    1. अकाउंट ओपनिंग चार्ज
    2. एनुअल मेंटेनेंस चार्ज
    3. ट्रांजैक्शन चार्ज
    4. डिमैटेरियलाइजेशन चार्ज
    5. रिमटेरियलायझेशन चार्ज 

    यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये चार्जेस समय-समय पर बदल सकते हैं और अलग-अलग सेवा प्रदाताओं के लिए अलग-अलग हो सकते हैं।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट का उपयोग 

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है: 

    1. शेयर खरीदना और बेचना: कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट का सबसे आम उपयोग शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करना है। कंपनियां इस अकाउंट के माध्यम से विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकती हैं। यह प्रक्रिया बहुत तेज़ और सुरक्षित होती है। 
    2. म्यूचुअल फंड में निवेश: कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट से कंपनियां विभिन्न म्यूचुअल फंड स्कीम्स में भी निवेश कर सकती हैं। इससे उन्हें अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने में मदद मिलती है। 
    3. बॉन्ड और डिबेंचर्स खरीदना: कंपनियां अपने कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट का उपयोग करके सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड, साथ ही डिबेंचर भी खरीद सकती हैं। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है। 
    4. IPO में भाग लेना: जब कोई नई कंपनी शेयर बाज़ार में लिस्ट होती है, तो कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट धारक उसके IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में आसानी से भाग ले सकते हैं।
    5. शेयरों का ट्रांसफर: कंपनियां अपने डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में आसानी से शेयर ट्रांसफर कर सकती हैं। यह प्रक्रिया बहुत तेज़ और सुरक्षित होती है।

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की सुरक्षा

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

    1. पासवर्ड की सुरक्षा: अकाउंट का पासवर्ड मजबूत रखें और उसे नियमित रूप से बदलते रहें। 

    2. ट्रांजैक्शन की निगरानी: नियमित रूप से अकाउंट स्टेटमेंट चेक करें और किसी भी अनधिकृत गतिविधि पर नज़र रखें। 

    3. अधिकृत व्यक्तियों की सीमित संख्या: केवल चुनिंदा और भरोसेमंद लोगों को ही अकाउंट तक पहुंच दें। 

    4. दो-फैक्टर प्रमाणीकरण: जहां भी संभव हो, दो-फैक्टर प्रमाणीकरण का उपयोग करें।

    5. सॉफ्टवेयर अपडेट: जिस सिस्टम से आप अकाउंट एक्सेस करते हैं, उसे हमेशा अपडेटेड रखें। 

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट के साथ आम समस्याएं और उनके समाधान 

    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट चलाते समय कुछ आम समस्याएं आ सकती हैं। आइए इन समस्याओं और उनके समाधानों को समझें: 

    1. समस्या: अकाउंट फ्रीज होना

       समाधान: समय पर KYC अपडेट करें और सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा करें।

    2. समस्या: ट्रांजैक्शन में देरी

       समाधान: इंटरनेट कनेक्शन चेक करें और सही समय पर ऑर्डर प्लेस करें। 

    3. समस्या: गलत शेयर ट्रांसफर

       समाधान: तुरंत अपने ब्रोकर या कंपनी से संपर्क करके सुधार का अनुरोध करें। 

    4. समस्या: हाई चार्जेस

       समाधान: विभिन्न डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) के चार्जेस की तुलना करें।

    5. समस्या: सिस्टम में तकनीकी खराबी

       समाधान: अपने DP से संपर्क करें और तकनीकी सहायता लें।

    समाप्ति 
    कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट  के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना, शेयरों का ट्रांसफर करना और अन्य वित्तीय गतिविधियां करना बहुत आसान हो जाता है। याद रखें, कॉरपोरेट डीमैट अकाउंट खोलते समय सभी नियमों और कानूनों का पालन करना बहुत जरूरी है। साथ ही, अकाउंट की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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