डीमैट अकाउंट के लिए एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस क्या होते हैं?

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आज के डिजिटल युग में, शेयर बाज़ार में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है? डीमैट अकाउंट आपके शेयरों और अन्य निवेशों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखता है। पर क्या आपको पता है कि इस अकाउंट को बनाए रखने के लिए कुछ चार्जेस देना पड़ता है? आइए इस ब्लॉग में डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस  के बारे में विस्तार से जानें। हम समझेंगे कि ये चार्जेस क्या होते हैं, कौन इन्हें लगाता है, और ये कैसे तय किए जाते हैं।

डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस क्या हैं?

डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस  (Annual Maintenance Charges या AMC) वह राशि है जो आपको अपने डीमैट अकाउंट को चालू रखने के लिए हर साल देनी पड़ती है। ये चार्जेस आपके निवेशों को डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखने के लिए लिया जाता हैं। अलग-अलग ब्रोकर्स के लिए ये चार्जेस अलग-अलग हो सकते हैं।

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस  के प्रकार:

  1. सामान्य डीमैट अकाउंट के लिए चार्जेस
  2. पार्टनरशिप फर्म, HUF और व्यक्तिगत डीमैट अकाउंट के लिए चार्जेस
  3. NRI डीमैट अकाउंट के लिए चार्जेस
  4. कॉरपोरेट जैसे LLP, प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों के डीमैट अकाउंट के लिए चार्जेस 

हर प्रकार के डीमैट अकाउंट के लिए AMC और अन्य चार्जेस अलग-अलग हो सकते हैं। ये ब्रोकर पर निर्भर करते हैं।

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सामग्री की तालिका

  1. डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस क्या हैं?
  2. डीमैट अकाउंट के विभिन्न प्रकार के चार्जेस 
  3. एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस कौन लगाता है?
  4. एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस का महत्व 
  5. डीमैट अकाउंट के चार्जेस कम करने के टिप्स

डीमैट अकाउंट के विभिन्न प्रकार के चार्जेस 

डीमैट अकाउंट रखने के लिए कुछ चार्जेस देने पड़ते हैं। आइए जानें कि ये चार्जेस कौन-कौन से हैं और क्यों लगाए जाते हैं, ताकि आप अपने निवेश की योजना बेहतर तरीके से बना सकें। 

1. एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस (AMC): यह चार्जेस डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) द्वारा आपके डीमैट अकाउंट को बनाए रखने के लिए लिया जाता है। यह चार्जेस 300 से 500 रुपये प्रति वर्ष के बीच होता है।

अलग-अलग ब्रोकर्स के लिए यह चार्जेस अलग-अलग हो सकता है।

2. ट्रांजेक्शन चार्जेस: यह चार्जेस हर ट्रेड (खरीद या बिक्री) पर लगाया जाता है। यह चार्जेस ट्रेड की वैल्यू के प्रतिशत के रूप में या एक निश्चित राशि (जैसे 20 रुपये प्रति ऑर्डर) के रूप में हो सकता है। 

3. डीमैटीरियलाइजेशन चार्जेस:  यह चार्जेस फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए लिया जाता है। SEBI के नियमों के अनुसार, अब सभी शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखना जरूरी है। 

4. कस्टोडियन चार्जेस: यह एक वार्षिक चार्जेस है जो डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखने के लिए लिया जाता है। अक्सर यह चार्जेस कंपनी द्वारा सीधे डिपॉजिटरी को दिया जाता है।

5. अकाउंट खोलने का चार्जेस: कुछ ब्रोकर्स डीमैट अकाउंट खोलने के लिए चार्जेस लेते हैं। कई ब्रोकर्स, मुफ्त में डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं।

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस कौन लगाता है?

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस आमतौर पर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) या स्टॉकब्रोकर द्वारा लगाया जाता है, जिसके साथ आपने अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोला है। ये चार्जेस अलग-अलग DP या ब्रोकर के लिए और अकाउंट के प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस को प्रभावित करने वाले कारक 

  1. होल्डिंग वैल्यू: ज्यादा पोर्टफोलियो वैल्यू वाले अकाउंट्स पर अक्सर ज्यादा मेंटेनेंस चार्जेस लगता है। चार्जेस होल्डिंग वैल्यू के प्रतिशत के रूप में भी हो सकता है।
  2. ट्रांजेक्शन गतिविधि: ज्यादा खरीद-बिक्री वाले अकाउंट्स पर ज्यादा चार्जेस लग सकते है। चार्जेस प्रति ट्रांजेक्शन निश्चित हो सकता है। 
  3. डिलीवरी का प्रकार: ट्रांजेक्शन और उनके प्रकार के आधार पर ज्यादा डिलीवरी वाले अकाउंट्स पर ज्यादा चार्जेस लग सकते है। 
  4. मूल्य वर्धित सेवाएं: फुल-सर्विस ब्रोकर अतिरिक्त सेवाएं जैसे रिसर्च रिपोर्ट्स, मार्जिन फंडिंग, SIP/STP सुविधाएं आदि प्रदान करते हैं। इन अतिरिक्त सेवाओं के कारण चार्जेस बढ़ सकते है।

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस का महत्व 

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस आपके डीमैट अकाउंट को चालू रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। आइए समझें कि ये चार्जेस क्यों महत्वपूर्ण हैं और आपके निवेश की सुरक्षा में कैसे मदद करते हैं। 

1. अकाउंट सुरक्षा: AMC आपके डीमैट अकाउंट और उसमें रखे गए निवेशों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

2. तकनीकी सपोर्ट: इस चार्जेस से ब्रोकर्स अपने सिस्टम को अपडेट और मेंटेन कर पाते हैं, जिससे आपको बेहतर सेवा मिलती है।

3. कानूनी अनुपालन: AMC से ब्रोकर्स SEBI और अन्य नियामक निकायों के नियमों का पालन कर पाते हैं। 

4. ग्राहक सेवा: इस चार्जेस से ब्रोकर्स आपको बेहतर ग्राहक सेवा और सपोर्ट दे पाते हैं।

एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस न देने के परिणाम

अगर आप अपने डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस नहीं देते, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइए जानें कि ये चार्जेस न देने से आपके निवेश और ट्रेडिंग पर क्या असर पड़ सकता है। 

  1. अकाउंट डीएक्टिवेशन: अगर आप समय पर AMC नहीं देते हैं, तो आपका डीमैट अकाउंट डीएक्टिवेट हो सकता है।
  2. कानूनी कार्रवाई: लंबे समय तक चार्जेस न देने पर ब्रोकर कानूनी कार्रवाई कर सकता है। 
  3. पेनल्टी: देरी से भुगतान करने पर अतिरिक्त पेनल्टी लग सकती है। 
  4. ट्रेडिंग रुकावट: AMC न देने पर आप अपने अकाउंट से ट्रेड नहीं कर पाएंगे।

डीमैट अकाउंट के चार्जेस कम करने के टिप्स

आइये जानते है की आप कैसे डीमैट अकाउंट चार्जेज कम कर सकते हैं।  इसके लिए आपको निचे दिए  गए टिप्स को ध्यान में रखना होगा।   

  1. ब्रोकर्स की तुलना करें: अलग-अलग ब्रोकर्स के चार्जेस की तुलना करें और सबसे किफायती विकल्प चुनें। 
  2. बेसिक अकाउंट चुनें: अगर आपको अतिरिक्त सुविधाओं की जरूरत नहीं है, तो बेसिक डीमैट अकाउंट चुनें।
  3. लॉन्ग-टर्म निवेश करें: ज्यादा ट्रेडिंग से बचें और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें। 
  4. ऑफर्स का लाभ उठाएं: कई ब्रोकर्स नए ग्राहकों के लिए AMC में छूट देते हैं। इन ऑफर्स का फायदा उठाएं। 
  5. एक ही डीमैट अकाउंट रखें: एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने से बचें। इससे आपके चार्जेस कम होंगे।

समाप्ति 
डीमैट अकाउंट के एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस आपके निवेश की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप अलग-अलग ब्रोकर्स के चार्जेस की तुलना करें और अपनी जरूरतों के हिसाब से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें। याद रखें, सबसे सस्ता विकल्प हमेशा सबसे अच्छा नहीं होता। सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता भी महत्वपूर्ण हैं। अगर आप एक आसान और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म पर डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो आप BlinkX ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। BlinkX ट्रेडिंग ऐप आपको मिनटों में डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देता है। यह एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है जो आपके निवेश को सफलता की ओर ले जाने में मदद करता है। इस ट्रेडिंग ऐप में कोई छिपे हुए चार्जेस नहीं हैं और यह आपको तेज़ ऑर्डर प्लेसमेंट, पर्सनलाइज्ड अलर्ट्स, और कई अन्य सुविधाएं प्रदान करता है।

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एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डीमैट अकाउंट AMC चार्ज वह वार्षिक चार्जे है जो आपके डीमैट अकाउंट को बनाए रखने के लिए लिया जाता है। यह आमतौर पर 300 से 500 रुपये प्रति वर्ष के बीच होता है।

हां, डीमैट अकाउंट के लिए एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस हो ता है। यह चार्जेस आपके निवेशों को सुरक्षित और डिजिटल रूप में रखने के लिए लिया जाता है।

अगर आप AMC नहीं भरते हैं, तो आपका डीमैट अकाउंट डीएक्टिवेट हो सकता है। इससे आप ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे और अतिरिक्त पेनल्टी भी लग सकती है।

कुछ ब्रोकर्स नए ग्राहकों को पहले साल के लिए फ्री डीमैट अकाउंट की सुविधा देते हैं। लेकिन आमतौर पर लंबे समय के लिए कोई पूरी तरह से फ्री डीमैट अकाउंट नहीं देता।

AMC चार्ज सामान्यतः सालाना लगाए जाते हैं। हालांकि, कुछ ब्रोकर्स इसे छमाही या त्रैमासिक आधार पर भी ले सकते हैं।