हेजिंग और स्पेकुलेशन के बीच क्या अंतर है?

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शेयर बाजार में निवेश करना अपने आप में एक जोखिम भरा कदम होता है। लेकिन समझदार निवेशकों के पास जोखिम को कम करने और लाभ को बढ़ाने के लिए दो विकल्प होते हैं - हेजिंग और स्पेकुलेशन। यह ब्लॉग पोस्ट इन दोनों प्रक्रियाओं के बीच का अंतर स्पष्ट करेगा ताकि आप समझ सकें कि आपके लिए क्या सबसे उपयुक्त है। चलिए शुरू करते हैं इन दोनों शब्दों की परिभाषा से।

हेजिंग क्या है?

हेजिंग एक तरीका है जिसमें निवेशक अपने निवेश पर होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उल्टे लेनदेन करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी कंपनी के शेयर खरीदे हैं और आप डरते हैं कि शेयर का मूल्य गिर सकता है, तो आप उस शेयर पर एक पुट ऑप्शन (put option) खरीद सकते हैं। यदि शेयर का मूल्य वाकई गिरता है, तो पुट ऑप्शन से होने वाला लाभ शेयर में नुकसान को कवर कर देगा। 

निवेशकों के अलावा, व्यवसाय भी हेजिंग का इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर एक कंपनी विदेशों से सामान खरीदती है, तो वह विदेशी मुद्रा के भाव में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए भविष्य के लिए विदेशी मुद्रा की दरें तय कर सकती है।

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सामग्री की तालिका

  1. हेजिंग क्या है?
  2. स्पेकुलेशन क्या है?
  3. हेजिंग और स्पेकुलेशन में अंतर
  4. हेजिंग और स्पेकुलेशन की रणनीतियाँ 

स्पेकुलेशन क्या है?

स्पेकुलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निवेशक जानबूझकर जोखिम लेते हैं ताकि वे अधिक लाभ कमा सकें। स्पेकुलेटर शेयरों, मुद्राओं या अन्य वित्तीय उपकरणों में निवेश करते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी कीमतें बढ़ेंगी। वे तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल करके बाजार के रुझानों का अनुमान लगाते हैं और उसी के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं।

स्पेकुलेटर कम समय में ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं, इसलिए वे अक्सर लेवरेज का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें ज्यादा जोखिम भी होता है। अगर उनका अनुमान गलत निकलता है, तो वे अपना पूरा निवेश खो सकते हैं।

हेजिंग और स्पेकुलेशन में अंतर

हेजिंग और स्पेकुलेशन में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

विषय

हेजिंग

स्पेकुलेशन

उद्देश्यजोखिम से बचाव करनाज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना
जोखिम सहिष्णुताजोखिम नहीं लेना चाहतेज्यादा जोखिम लेने को तैयार
समय अवधिलंबे समय तकछोटी अवधि के लिए
डेरिवेटिव का उपयोगनुकसान से बचने के लिएअधिक मुनाफा कमाने के लिए
बाजार स्थिरतास्थिर और निश्चित बाजार पसंद करते हैंअनिश्चित और चंचल बाजार में काम करते हैं
पोजिशन लेनानुकसान कम करने के लिए उलटी पोजिशन लेते हैंअधिक मुनाफा के लिए एक्स्ट्रा पोजिशन लेते हैं
उदाहरणकिसान फसल की कीमतों से बचाव के लिए फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट लेते हैंदिन के ट्रेडर कीमतों में उछाल-नीचाव का फायदा उठाते हैं

हेजिंग वो लोग करते हैं जो किसी भी तरह का नुकसान नहीं उठाना चाहते। जैसे किसान जो अपनी फसल की कीमतें बचाने के लिए फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट लेते हैं। वो चाहते हैं कि उनकी फसल की कीमतें स्थिर रहें और उन्हें नुकसान न हो।

दूसरी तरफ, स्पेकुलेशन वो लोग करते हैं जो ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं। जैसे कुछ ट्रेडर जो कीमतों में हर छोटे बदलाव का फायदा उठाते हैं। वो चाहते हैं कि बाजार अनिश्चित और उतार-चढ़ाव भरा रहे ताकि वो अधिक मुनाफा कमा सकें।

इस तरह हेजिंग वाले लोग जोखिम से बचना चाहते हैं, जबकि स्पेकुलेशन वाले जोखिम लेकर ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं। दोनों ही बाजार में काम करते हैं लेकिन उनका लक्ष्य बिलकुल अलग होता है।

इन अंतरों से पता चलता है कि हेजिंग एक सुरक्षित रणनीति है जबकि स्पेकुलेशन एक जोखिम भरी रणनीति है। आपको अपने लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इनमें से एक चुनना चाहिए।

हेजिंग और स्पेकुलेशन की रणनीतियाँ 

हेजिंग और स्पेकुलेशन दोनों ही शेयर बाजार में उपयोग की जाने वाली रणनीतियाँ हैं। हेजिंग का मकसद जोखिम को कम करना है, जबकि स्पेकुलेशन से मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

हेजिंग रणनीतियाँ

हेजिंग रणनीतियों का इस्तेमाल अपने शेयरों और निवेश पर पड़ने वाले जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है। इसमें निम्न तरीके शामिल हैं: 

  1. लॉन्ग/शॉर्ट हेजिंग: इसमें एक शेयर को खरीदा जाता है और दूसरे को बेचा जाता है, ताकि जोखिम आपस में कैंसिल हो जाए। 
  2. ऑप्शन हेजिंग: इसमें ऑप्शन का इस्तेमाल होने वाले नुकसान से बचने के लिए किया जाता है। ऑप्शन खरीदा या बेचा जा सकता है।  
  3. फ्यूचर हेजिंग: इसमें फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का इस्तेमाल होने वाली कीमत बदलाव से बचने के लिए किया जाता है।

स्पेकुलेशन रणनीतियाँ 

स्पेकुलेशन रणनीतियों का इस्तेमाल बाजार में होने वाले बदलावों से मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है। इनमें निम्न शामिल हैं:  

  1. ट्रेंड फॉलोइंग: इसमें बाजार की दिशा का पता लगाया जाता है और उसी दिशा में निवेश किया जाता है। 
  2. कंट्रेरियन इन्वेस्टिंग: इसमें बाजार की सोच के विपरीत निवेश किया जाता है, ताकि बाजार बदलने पर फायदा हो सके।   
  3. इवेंट-ड्रिवन स्पेकुलेशन: इसमें किसी खबर या घटना का बाजार पर पड़ने वाले असर का अनुमान लगाया जाता है और उसी के हिसाब से निवेश किया जाता है।

समाप्ति

हेजिंग और स्पेकुलेशन दोनों ही बाजार के महत्वपूर्ण पहलू हैं। हेजिंग अधिक सुरक्षित और कम जोखिम वाली रणनीति है, जबकि स्पेकुलेशन उच्च जोखिम और उच्च लाभ की रणनीति है। आपको अपने लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय स्थिति के आधार पर इनमें से एक चुनना चाहिए। 

यदि आप एक नए निवेशक हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से डरते हैं, तो हेजिंग एक बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन यदि आप जोखिम लेने को तैयार हैं और अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो स्पेकुलेशन आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। 

सफल निवेश के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और अपनी रणनीतियों को उसके अनुसार ढालें। BlinkX ऐप को डाउनलोड करके, आप आसानी से डीमैट खाता खोल सकते हैं और अपने निवेश की निगरानी कर सकते हैं। यह एक विश्वसनीय मंच है जो व्यापार के साथ-साथ शिक्षा भी प्रदान करता है।

BlinkX की विशेषता है उसके शानदार विश्लेषण और रिसर्च टूल। आप कंपनियों की वित्तीय रिपोर्टों, इक्विटी रिसर्च रिपोर्टों और तकनीकी विश्लेषण टूल्स तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। ये टूल आपको स्टॉक का विस्तृत विश्लेषण करने और उसकी भावी प्रवृत्ति को समझने में मदद करेंगे। 

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हेजिंग और स्पेकुलेशन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हेजिंग जोखिम को कम करने और नुकसान से बचने की रणनीति है, जबकि स्पेकुलेशन अधिक लाभ कमाने के लिए जोखिम लेने की रणनीति है।

हेजिंग में निवेशक अपनी मौजूदा होल्डिंग के विपरीत लेन-देन करता है ताकि बाजार के झटकों से नुकसान न हो।

स्पेकुलेशन उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो अधिक जोखिम लेना चाहते हैं और तेजी से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं।

स्पेकुलेटर तकनीकी विश्लेषण, चार्ट पैटर्न और इंडिकेटरों का इस्तेमाल करते हैं।

स्पेकुलेटर अक्सर लेवरेज का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे अधिक लाभ कमा सकें, लेकिन हेजिंग में इसका इस्तेमाल कम किया जाता है।