ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
- 08 May 2024
- By: BlinkX Research Team
ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार का निवेश और ट्रेडिंग है जिसमें निवेशक या ट्रेडर को किसी शेयर या वस्तु को एक निश्चित मूल्य और समय पर खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त होता है। इसके लिए उन्हें एक प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है। यदि बाजार उनके पक्ष में नहीं है, तो वे अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकते और केवल प्रीमियम राशि ही खो देंगे। लेकिन अगर बाजार उनके अनुकूल है तो वे बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको कुछ चीजों पर ध्यान देना होगा:
ट्रेडिंग अकाउंट खोलना
सबसे पहले आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। ब्रोकर आपसे कुछ जानकारी लेंगे जैसे:
- आपके निवेश के उद्देश्य
- आपका निवेश का अनुभव
- आपकी वित्तीय स्थिति
ऑप्शन का प्रकार चुनना
ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं:
- कॉल ऑप्शन: इसमें आप शेयर खरीदने का अधिकार प्राप्त करते हैं
- पुट ऑप्शन: इसमें आप शेयर बेचने का अधिकार प्राप्त करते हैं
आपको यह तय करना होगा कि आप बाजार में शेयर के मूल्य को कहां देखना चाहते हैं और उसके आधार पर ऑप्शन का प्रकार चुनना होगा।
Trade like a pro in NSE F&O with Zero Brokerage*
सामग्री की तालिका
- ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
- स्ट्राइक प्राइस निर्धारित करना
- ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे
- ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान
- ऑप्शन ट्रेडिंग के स्तर
स्ट्राइक प्राइस निर्धारित करना
स्ट्राइक प्राइस वह मूल्य है जिस पर आप शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त करते हैं। आपको अपने अनुमान के आधार पर एक उचित स्ट्राइक प्राइस चुननी होगी। यदि आप सोचते हैं कि शेयर का मूल्य बढ़ेगा तो आपको कम स्ट्राइक प्राइस वाला कॉल ऑप्शन लेना चाहिए।
एक्सपायरी डेट चुनना
हर ऑप्शन की एक एक्सपायरी डेट होती है जिस दिन तक आपको अपना अधिकार इस्तेमाल करना होता है। आप चाहें तो छोटी अवधि के लिए ऑप्शन ले सकते हैं या लंबी अवधि के लिए भी। लंबी अवधि के ऑप्शन ज्यादा महंगे होते हैं लेकिन बाजार के लिए अधिक समय देते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे
ऑप्शन ट्रेडिंग के सारे फायदे हैं। इसमें शामिल है निम्नलिखित फायदे:
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान
- उच्च कमीशन शुल्क - ऑप्शन ट्रेडिंग पर कमीशन शुल्क काफी ज्यादा होता है क्योंकि इसमें ज्यादा जटिलता होती है।
- कम तरलता - कई बार ऑप्शन की ट्रेडिंग में कम तरलता होती है, इसलिए बड़ी पोजिशन लेना मुश्किल हो सकता है।
- सभी शेयरों पर ऑप्शन उपलब्ध नहीं - कुछ कम पॉपुलर शेयरों पर ऑप्शन ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
- समय के साथ मूल्य क्षय - जैसे-जैसे ऑप्शन की एक्सपायरी डेट नजदीक आती है, उसका मूल्य कम होता जाता है। यही वजह है कि लंबी अवधि के ऑप्शन महंगे होते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के स्तर
ऑप्शन ट्रेडिंग के चार मुख्य स्तर होते हैं:
इस तरह से आप देख सकते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत फायदेमंद हो सकती है लेकिन साथ ही जोखिम भी काफी है। इसलिए नए लोगों को शुरुआत में सावधानी बरतनी चाहिए।
समाप्ति
ऑप्शन ट्रेडिंग एक जटिल गतिविधि है लेकिन यदि आप इसे सीखते हैं तो इससे आपको बहुत फायदा हो सकता है। आपको अपनी जोखिम क्षमता समझनी होगी और उसके अनुसार ही निवेश करना चाहिए। यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो सरल रणनीतियों से शुरू करें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।
अगर आप आसानी से डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो BlinkX ऐप डाउनलोड करना एक अच्छा विकल्प है। BlinkX किसी भी छुपे हुए शुल्क के बिना आपको स्पष्ट मूल्य निर्धारण प्रदान करता है। आप व्यापार शुरू करने से पहले शेयर चार्ट समझने, अभ्यास करने और आत्मविश्वास बनाने के लिए अपना समय ले सकते हैं। BlinkX मार्केट वॉच के साथ अपने पसंदीदा शेयरों को ट्रैक करें और उनकी लाइव कीमतों से अपडेट रहें। आप अपने डैशबोर्ड को भी अपनी पसंद के अनुसार कस्टमाइज़ कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
तात्कालिक लेख
संबंधित आलेख
Press Release
- BlinkX Enhances Trading with 24/7 Customer Support Capabilities
- Unlocking Seamless Trading: Introducing “Order Slicing” For The FnO Market
- A Game-Changer for Traders: Introducing Horizontal Watchlists
- BlinkX Launches Gen AI Lab & GPT-Equivalent BlinkX Insights For Stock Broking Industry
- BlinkX opens India’s first Gen AI lab in the stock broking industry