शेयर बाज़ार क्या है: एक संपूर्ण गाइड

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शेयर बाज़ार  एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कंपनियां लोगों से पैसा इकट्ठा करती हैं ताकि वे अपना कारोबार चला सकें। कंपनियां शेयर बेचकर लोगों से पैसा इकट्ठा करती हैं। शेयर खरीदने वाले लोग उस शेयर के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं और कंपनी के मुनाफे में हिस्सेदार होते हैं।

शेयरों के प्रकार

शेयर बाज़ार में कई प्रकार के शेयर उपलब्ध हैं जिन्हें निम्नलिखित आधार पर अलग किया गया है:

  • मार्केट कैपिटलाइजेशन
  • मालिकाना हक
  • फंडामेंटल्स
  • कीमत अस्थिरता
  • मुनाफे का बंटवारा
  • आर्थिक रुझान

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सामग्री की तालिका

  1. शेयरों के प्रकार
  2. शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है?
  3. शेयर बाज़ार कैसे काम करता है?
  4. शेयर बाज़ार में क्या ट्रेड किया जाता है?
  5. शेयर बाज़ार से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द
  6. शेयर बाज़ार के प्रकार
  7. मूविंग एवरेज

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है?

लोग अक्सर शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट को एक ही समझते हैं। लेकिन दोनों में थोड़ा अंतर है। स्टॉक मार्केट में शेयरों के अलावा बॉन्ड, म्युचुअल फंड, डेरिवेटिव्स आदि की भी ट्रेडिंग की जा सकती है। जबकि शेयर मार्केट में सिर्फ शेयरों की ही ट्रेडिंग होती है।

शेयर बाज़ार कैसे काम करता है?

  • कंपनियां शेयर बेचकर पैसा इकट्ठा करती हैं
  • लोग शेयर खरीदकर शेयर के उतने हिस्से के मालिक बनते हैं
  • कंपनी का व्यवसाय बढ़ने पर शेयरों की कीमत बढ़ती है
  • कंपनियां मुनाफे का हिस्सा शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं

शेयर बाज़ार में क्या ट्रेड किया जाता है?

शेयर बाज़ार में मुख्य रूप से चार प्रकार की वित्तीय साधनों की ट्रेडिंग होती है:

  • शेयर

    शेयर किसी कंपनी की मालिकाना हिस्सेदारी को दर्शाता है। शेयरधारक कंपनी के मुनाफे का हिस्सा डिविडेंड के रूप में पाते हैं और कंपनी के नुकसान भी उठाते हैं। बहुत से निवेशक शेयर ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए अपने शेयरों को मैनेज करते हैं।
  • बॉन्ड

    बॉन्ड शेयर बाज़ार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक तरह का कर्ज़ा है जिसे सरकार या कंपनियां लोगों से लेती हैं। इसके बदले वे उनको ब्याज देती हैं। मान लीजिए कि आपने किसी को 100 रुपये उधार दिए और वो आपको हर महीने 5 रुपये देता है, तो यही बॉन्ड है। बड़े पैमाने पर कंपनियां लोगों से पैसा लेती हैं और उन्हें हर साल कुछ हिस्सा वापस करती हैं। इससे उन्हें नया काम शुरू करने के लिए पैसा मिलता है।
  • म्युचुअल फंड

    म्युचुअल फंड एक प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाने वाला फंड होता है जिसमें कई निवेशकों के पैसे एकत्रित होते हैं और फिर इस पूंजी को कई वित्तीय साधनों में निवेश किया जाता है। इक्विटी, डेट, हाइब्रिड आदि के फंड उपलब्ध होते हैं। 
    प्रत्येक म्युचुअल फंड स्कीम कुछ मूल्य की यूनिट जारी करती है जो शेयर की तरह होती है। जब आप इन फंडों में निवेश करते हैं तो आप म्युचुअल फंड स्कीम के यूनिटधारक बन जाते हैं। जब स्कीम में शामिल साधन समय के साथ रेवेन्यू अर्जित करते हैं तो यूनिटधारक को वह रेवेन्यू फंड के नेट असेट वैल्यू या डिविडेंड के रूप में मिलती है।
  • डेरिवेटिव्स

    डेरिवेटिव एक ऐसी सिक्योरिटी होती है जिसका मूल्य किसी अन्य सिक्योरिटी से निकलता है। ये सिक्योरिटी शेयर, बॉन्ड, करेंसी, कमोडिटी आदि कुछ भी हो सकती है। डेरिवेटिव्स के खरीदार और विक्रेता किसी एसेट की कीमत के बारे में विपरीत अपेक्षाएं रखते हैं और इसलिए वे उसकी भविष्य की कीमत को लेकर एक "बेटिंग कॉन्ट्रैक्ट" करते हैं।

शेयर बाज़ार से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द

यहां शेयर बाज़ार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की सूची है:

  • सेंसेक्स - बीएसई पर सूचीबद्ध शीर्ष 30 शेयरों का संग्रह
  • सेबी - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, जो शेयर बाज़ार को नियंत्रित करता है
  • डीमैट - डीमटेरिअलाइज्ड अकाउंट जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रहते हैं
  • ट्रेडिंग - शेयरों की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया
  • स्टॉक इंडेक्स - शेयर बाज़ार के भाव उतार-चढ़ाव को मापने वाला आँकड़ा
  • पोर्टफोलियो - किसी निवेशक द्वारा रखी गई संपत्तियों का समूह
  • बुल मार्केट - जब अर्थव्यवस्था में तेज़ी होती है
  • बेअर मार्केट - जब अर्थव्यवस्था मंदी में होती है
  • निफ्टी 50 - एनएसई पर सूचीबद्ध शीर्ष 50 कंपनियों का संग्रह
  • स्टॉक ब्रोकर - एक विशेषज्ञ जो आपकी ओर से शेयर ट्रेड करता है
  • बिड प्राइस - वह कीमत जो खरीदार देने को तैयार है
  • आईपीओ - प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम जिसके जरिए कंपनी पहली बार शेयर बेचती है
  • इक्विटी - वह मूल्य जो शेयरधारक को मिलेगा अगर कंपनी बंद हो जाए
  • डिविडेंड - कंपनी द्वारा मुनाफे का हिस्सा शेयरधारकों को दिया गया लाभांश
  • बीएसई - बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, भारत की सबसे बड़ी शेयर बाज़ार
  • एनएसई - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाज़ार
  • कॉल और पुट ऑप्शन - कॉल ऑप्शन से शेयर खरीदने का और पुट ऑप्शन से बेचने का अधिकार मिलता है

शेयर बाज़ार के प्रकार

शेयर बाज़ार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  • प्राइमरी मार्केट: यहां कंपनियां नए शेयर जारी करती हैं जिन्हें लोग खरीद सकते हैं।
  • सेकेंडरी मार्केट: यहां पहले से जारी किए गए शेयरों की ट्रेडिंग होती है। ब्रोकरों की मदद से निवेशक यहां शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं।

मूविंग एवरेज

मूविंग एवरेज एक इंडिकेटर है जो शेयर के भाव के उतार-चढ़ाव को समतल करने में मदद करता है। बढ़ती मूविंग एवरेज का मतलब है शेयर की कीमत बढ़ रही है, और घटती मूविंग एवरेज से पता चलता है कि शेयर की कीमत घट रही है।

समाप्ति
शेयर बाज़ार एक जटिल विषय है लेकिन थोड़ी मेहनत से आप इसे समझ सकते हैं। यदि आप शेयर ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं तो BlinkX ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। BlinkX आपको आसानी से और कुछ ही मिनटों में डीमैट अकाउंट खोलने में मदद करेगा। यह एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है जिसमें कोई छुपे हुए शुल्क नहीं हैं।
BlinkX स्पष्ट और सामने से चार्ज लेता है। इसकी "नो हिडन चार्जेज" नीति सुनिश्चित करती है कि आप बिना किसी छुपे शुल्क के निर्विघ्न निवेश कर सकें। आप धीरे-धीरे कंसेप्ट्स सीखकर, प्रैक्टिस करके और अपनी विश्वसनीयता बनाकर असली ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। BlinkX मार्केट वॉच से आप अपने पसंदीदा स्टॉक को ट्रैक कर सकते हैं और उनकी लाइव कीमतों से खुद को अपडेट रख सकते हैं। आप BlinkX से अपने डैशबोर्ड को भी कस्टमाइज़ कर सकते हैं ताकि आपकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की यात्रा रोमांचक बने।

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शेयर खरीदने से आप कंपनी के मालिक बन जाते हैं और कंपनी के मुनाफे में हिस्सा लेते हैं।

शेयर बाज़ार में शेयर, बॉन्ड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव्स की ट्रेडिंग होती है।

शेयर बाज़ार से जुड़े कुछ शब्द हैं: सेंसेक्स, सेबी, डीमैट, ट्रेडिंग, स्टॉक इंडेक्स और पोर्टफोलियो।

शेयर बाज़ार के दो प्रकार होते हैं: प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट।

शेयर ट्रेडिंग के लिए आप BlinkX जैसे ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं और आसानी से डीमैट खाता खोल सकते हैं।