शेयर बाजार में इंट्रा-डे से डिलीवरी में कैसे कनवर्ट करें?

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इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है एक ही दिन में शेयर खरीदना और बेचना। इसका उद्देश्य अल्पकालिक मुनाफा कमाना होता है। दूसरी ओर, डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शेयरों को लंबे समय तक पकड़े रहते हैं दिनों, हफ्तों, महीनों या साल भर। आज हम शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करना। कई नए निवेशक इस बारे में भ्रमित रहते हैं, इसलिए चलिए इसके बारे में विस्तार से जानें।
 

इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करना

शेयर बाजार में, आप अपनी पोजिशन को इंट्राडे से डिलीवरी में और उलटा भी बदल सकते हैं। यह प्रक्रिया बहुत आसान है। आपको बस अपने ब्रोकर के मोबाइल एप्प या वेबसाइट पर जाना होगा। निम्नलिखित चरण हैं: 

  1. अपने ब्रोकर के एप या वेबसाइट पर लॉग इन करें।
  2. अपने पोर्टफोलियो में जाकर उन शेयरों को चुनें जिन्हें आप कनवर्ट करना चाहते हैं। 
  3. आपको वह मात्रा भी दर्ज करनी होगी जिसे आप कनवर्ट करना चाहते हैं।
  4. अब आपको विकल्प मिलेगा कि आप इंट्राडे को डिलीवरी में या डिलीवरी को इंट्राडे में बदलना चाहते हैं।
  5. जब आप इस विकल्प को चुनेंगे, तो आपकी पोजिशन बदल जाएगी।

यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है और सिर्फ कुछ मिनटों में हो जाती है। लेकिन याद रखें, आप केवल उसी दिन इंट्राडे शेयरों को ही कनवर्ट कर सकते हैं। अगले दिन से वे डिलीवरी शेयर बन जाएंगे।
 

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सामग्री की तालिका

  1. इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करना
  2. मार्जिन की जरूरत 
  3. इंट्राडे पोजिशन को बंद करना
  4. अगर पोजिशन नहीं बंद कीतो क्या होगा ?
  5. इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करने के फायदे

मार्जिन की जरूरत 

जब आप इंट्राडे को डिलीवरी में बदलते हैं, तो आपको अतिरिक्त मार्जिन देना होता है। इसकी वजह यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको कम मार्जिन देना होता है केवल 50% ट्रेडिंग वैल्यू का।  

लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको पूरा मूल्य देना होता है। यानी 100% पैसा जमा करना होता है। तो जब आप इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करते हैं, तो आपको बाकी के 50% पैसे देने होते हैं। 

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने 1,00,000 रुपये के शेयर इंट्राडे में खरीदे हैं। इसके लिए आपको 50,000 रुपये ही जमा करने थे। अब आप इन्हें डिलीवरी में कनवर्ट करना चाहते हैं। तो आपको बाकी के 50,000 रुपये और जमा कराने होंगे।
 

इंट्राडे पोजिशन को बंद करना

आप मार्केट के खुलने के बाद कभी भी अपने इंट्राडे शेयरों को बेच सकते हैं। आपको बस उन शेयरों को चुनना होगा जिन्हें आप बेचना चाहते हैं। फिर आपको एक्जिट का विकल्प मिलेगा। इस विकल्प को चुनकर आप बेचने की मात्रा और प्राइस दर्ज कर सकते हैं। अंत में, आपको बाय या सेल का ऑप्शन मिलेगा, जिससे आप अपनी ओपन पोजिशन बंद कर सकते हैं।
  

अगर पोजिशन नहीं बंद कीतो क्या होगा ?

यदि आप अपनी इंट्राडे पोजिशन नहीं बंद करते हैं, तो आपका ब्रोकर अपने आप ही उसे बंद कर देगा। इसके लिए आपको एक अतिरिक्त शुल्क देना होगा, जिसे सिस्टम स्क्वॉयर ऑफ कहा जाता है। यह शुल्क आपके ब्रोकर की नीति पर निर्भर करता है लेकिन आपको जरूर देना होगा। 

इसलिए बेहतर होगा कि आप दिन के अंत से पहले ही अपनी सभी इंट्राडे पोजिशंस बंद कर दें। अगर आप किसी पोजिशन को रखना चाहते हैं तो उसे डिलीवरी में कनवर्ट कर दें। इससे आपको अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना होगा।
 

इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करने के फायदे

इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करने के कुछ फायदे हैं:

  • अगर आपकी इंट्राडे पोजिशन नुकसान में है तो आप उसे डिलीवरी में बदलकर नुकसान से बच सकते हैं। 
  • अगर दिन के दौरान ही आपको लगता है कि आपकी इंट्राडे पोजिशन नुकसान में है, तो आप उसे डिलीवरी में बदल सकते हैं। क्योंकि इंट्राडे की तुलना में डिलीवरी के लिए कम मार्जिन की जरूरत होती है। 
  • आप इंट्राडे से शुरू कर सकते हैं और बाद में अगर पोजिशन नुकसान में हो तो डिलीवरी में बदल सकते हैं। फिर आप उसी स्टॉक को कम कीमत पर और खरीद सकते हैं, जिससे आपका औसत खरीद मूल्य कम हो जाएगा। 
  • अगर आप लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को रखना चाहते हैं तो इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करके आप उसे हफ्तों, महीनों या सालों तक पकड़ सकते हैं। 

इसलिए, इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करना एक बहुत ही लचीला और फायदेमंद विकल्प है। यह आपको जोखिम को कम करने और लाभ को अधिकतम करने में मदद करता है।
 

लेकिन सावधानी बरतना भी जरूरी है। कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना होगा। उदाहरण के लिए:

  • आप केवल उसी दिन की इंट्राडे पोजिशन को ही कनवर्ट कर सकते हैं। अगले दिन वह डिलीवरी पोजिशन बन जाएगी। 
  • जब आप इंट्राडे से डिलीवरी में कनवर्ट करते हैं तो आपको अतिरिक्त मार्जिन जमा करानी होती है।  
  • कनवर्ट करने के लिए आपको अपने ब्रोकर के मोबाइल एप्प या वेबसाइट पर जाना होगा।
     

समाप्ति
इंट्रा-डे  और  डिलीवरी से जुड़े हुए पूरी प्रक्रिया और नियमों को समझना जरूरी है । लेकिन एक बार जब आप इसे सीख लेते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। इसके अलावा, यदि आप शेयर बाजार में नए हैं तो एक अच्छे और विश्वसनीय मंच का चुनाव करना भी जरूरी है। BlinkX ऐसा ही एक मंच है जिसे आप विचार कर सकते हैं।

BlinkX ट्रेडिंग ऐप की मदद से आप बहुत ही आसानी से अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं। यहां किसी भी तरह के छिपे हुए शुल्क नहीं हैं। इसके अलावा, BlinkX आपको निफ्टी 50, बैंक निफ्टी, सेंसेक्स और बीएसई की कीमतों की गतिविधियों, कंपनियों की आय रिपोर्टों और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में व्यक्तिगत अलर्ट भेजता रहता है। 

इस तरह आप बाजार की हर गतिविधि से अवगत रह सकते हैं। साथ ही, आप अपनी पसंद के अनुसार BlinkX के डैशबोर्ड को भी कस्टमाइज़ कर सकते हैं। इससे आपकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की यात्रा और भी रोमांचक हो जाएगी।

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इंट्रा-डे और डिलीवरी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इंट्रा-डे में आप एक ही दिन में शेयर खरीदते और बेचते हैं जबकि डिलीवरी में आप शेयरों को दिनों, हफ्तों या महीनों तक पकड़े रहते हैं।

आपको अपने ब्रोकर के मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर जाकर विकल्प चुनना होगा और पोजिशन को बदलना होगा।

नहीं, आप केवल उसी दिन की इंट्रा-डे पोजिशन को ही डिलीवरी में बदल सकते हैं।

इससे आप नुकसान से बच सकते हैं, औसत खरीद मूल्य को कम कर सकते हैं और लंबी अवधि के लिए शेयर पकड़े रख सकते हैं।

आप BlinkX मोबाइल ऐप पर विचार कर सकते हैं जो डीमैट खाते खोलने में सहायता करता है और बाजार की जानकारी भी देता है।