इंट्राडे चार्ट पैटर्न क्या हैं और उन्हें कैसे पहचानें?

इंट्राडे चार्ट पैटर्न क्या हैं और उन्हें कैसे पहचानें?

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इंट्राडे ट्रेडिंग यानी एक ही दिन में कई बार खरीद और बिक्री करना व्यापारियों को बहुत पसंद है। इसकी वजह है कि इसमें तेजी से पैसा कमाया जा सकता है लेकिन साथ ही नुकसान भी हो सकता है। इसलिए इसमें व्यापारियों का बहुत ज्यादा ध्यान रहता है। अगर आप समझदार और सतर्क रहते हैं तो इससे आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इंट्राडे चार्ट्स और पैटर्न हमें बाजार की अगली चाल बताते हैं। इस ब्लॉग में हम इंट्राडे चार्ट पैटर्न क्या होते हैं, उसे कैसे पहचानते हैं और उसे जुड़ें सारे पहलू समझेंगे।

इंट्राडे चार्ट पैटर्न क्या हैं?

इंट्राडे चार्ट पैटर्न वो निशान होते हैं जो शेयर या स्टॉक के भाव के चार्ट पर बनते हैं। ये बताते हैं कि भाव कितने समय बाद और किस दिशा में बदल सकता है। जैसे कि एक तिकोना आकार से पता चलता है कि भाव जल्द ही बढ़ेगा या घटेगा। इससे व्यापारी को अगले कदम का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है।

सामग्री की तालिका

  1. इंट्राडे चार्ट पैटर्न क्या हैं?
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण चार्ट पैटर्न
  3. इंट्राडे चार्ट पैटर्न की पहचान और व्यापार कैसे करें? 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण चार्ट पैटर्न

कैंडलस्टिक पैटर्न सबसे अधिक इस्तेमाल होते हैं क्योंकि इनसे बाजार की दिशा और संभावित बदलाव को आसानी से समझा जा सकता है। कुछ प्रमुख पैटर्न हैं - डोजी, हैमर, हैंगिंग मैन, एंगलफिंग पैटर्न, मॉर्निंग और ईवनिंग स्टार। इनके अलावा कंटिन्यूएशन और रिवर्सल पैटर्न भी होते हैं जैसे कप एंड हैंडल, हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप/बॉटम आदि।

कैंडलस्टिक पैटर्न

कैंडलस्टिक पैटर्न ऐसे आकार होते हैं जो चार्ट पर बनते हैं और बताते हैं कि शेयर का भाव आगे कैसा रहेगा।

  • डोजी: जब खुलने और बंद होने का भाव लगभग समान होता है, तो ऐसा पैटर्न बनता है। इसका छोटा बॉडी और लंबे विक्स होते हैं। यह बाजार की अनिश्चितता को दर्शाता है और संभावित बदलाव की ओर इशारा करता है। 
  • हैमर और हैंगिंग मैन: इनमें छोटा बॉडी और लंबा लोअर विक होता है। हैमर गिरावट के बाद तेजी का संकेत देता है। हैंगिंग मैन तेजी के बाद गिरावट का इशारा करता है।   
  • एंगलफिंग पैटर्न: इसमें एक बड़ा कैंडल पिछले छोटे कैंडल को पूरी तरह से ढक लेता है। बुलिश एंगलफिंग गिरावट के बाद तेजी, बेरिश एंगलफिंग तेजी के बाद गिरावट का संकेत देता है। 
  • मॉर्निंग और ईवनिंग स्टार: मॉर्निंग स्टार गिरावट के बाद तेजी का इशारा करती है, जबकि ईवनिंग स्टार तेजी के बाद गिरावट का संकेत है। इनमें तीन कैंडल होते हैं। 
  • शूटिंग स्टार और इन्वर्टेड हैमर: शूटिंग स्टार लंबे अपर विक के साथ आता है। यह तेजी के बाद गिरावट की ओर इशारा करता है। इन्वर्टेड हैमर गिरावट के बाद तेजी का संकेत देता है।

कंटिन्यूएशन पैटर्न

कंटिन्यूएशन पैटर्न वो निशान होते हैं जो बताते हैं कि चल रहा बाजार का रुख कुछ देर के लिए रुकेगा लेकिन फिर वही रुख जारी रहेगा।

  • फ्लैग और पेनेंट: इन पैटर्न में एक तेज उछाल या गिरावट के बाद थोड़ी देर का सुस्त दौर आता है, फिर ट्रेंड फिर से जारी हो जाता है। 
  • सिमेट्रिकल ट्राइएंगल: इसमें दोनों तरफ से रेखाएं मिलती जा रही होती हैं। यह कंसोलिडेशन की अवस्था दर्शाता है। इसके बाद अप्वार्ड या डाउनवार्ड ब्रेकआउट हो सकता है। 
  • एसेंडिंग ट्राइएंगल: इसमें ऊपरी रेखा क्षैतिज और निचली रेखा ऊपर की ओर ढलान लेती है। यह तेजी के रुख को दर्शाता है।
  • डिसेंडिंग ट्राइएंगल: इसमें निचली रेखा क्षैतिज और ऊपरी रेखा नीचे की ओर ढलान लेती है। यह गिरावट के रुख को इंगित करता है।  

वेज(Wedge) पैटर्न  

वेज पैटर्न दो प्रकार के होते हैं - राइजिंग वेज और फॉलिंग वेज। 

  • राइजिंग वेज पैटर्न तेजी के बाद आता है। इसमें दोनों रेखाएं एक दूसरे की ओर झुकी होती हैं। यह कंसोलिडेशन की स्थिति दर्शाता है। अंत में कीमत निचली रेखा तोड़कर और गिरावट आती है। 
  • फॉलिंग वेज पैटर्न गिरावट के बाद आता है। इसमें दोनों रेखाएं एक दूसरे की ओर झुकी होती हैं। इसके बाद कीमत ऊपरी रेखा तोड़कर और तेजी आती है।  

रिवर्सल पैटर्न

रिवर्सल पैटर्न वो निशान होते हैं जो बताते हैं कि चल रहा बाजार का रुख बदलने वाला है।  

  • हेड एंड शोल्डर: इसमें तीन शिखर होते हैं - दो छोटे शोल्डर और एक बीच में बड़ा सिर। यह बुलिश से बेरिश रिवर्सल का संकेत देता है।   
  • डबल टॉप/बॉटम: डबल टॉप में कीमत दो बार रेजिस्टेंस लेवल तक पहुंचती है लेकिन उसे पार नहीं कर पाती। यह बेरिश रिवर्सल का इशारा है। डबल बॉटम इसके विपरीत होता है और बुलिश रिवर्सल का संकेत देता है। 
  • ट्रिपल टॉप/बॉटम: यहां कीमत तीन बार किसी लेवल तक पहुंचती है लेकिन उसे पार नहीं कर पाती। यह डबल टॉप/बॉटम से मजबूत रिवर्सल पैटर्न माना जाता है। 
  • राउंडेड टॉप/बॉटम: राउंडेड टॉप बेरिश और राउंडेड बॉटम बुलिश रिवर्सल का इशारा करता है। इनमें चार्ट पर गोलाकार आकार बनता है। 

इन पैटर्न को पहचानने से आप बाजार के मौके पहचान सकते हैं और ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन याद रखिए कि पैटर्न सिर्फ संकेत देते हैं, उन्हें कंफर्म करना भी जरूरी है।

इंट्राडे चार्ट पैटर्न की पहचान और व्यापार कैसे करें? 

अब बात आती है इन पैटर्न को कैसे ट्रेड किया जाए। इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस टूल्स का इस्तेमाल करना जरूरी है। 

  • ट्रेंड लाइन: ट्रेंड लाइन खींचकर आप बाजार की दिशा और संभावित रिवर्सल पॉइंट को समझ सकते हैं। 
  • मूविंग एवरेज: ये इंडिकेटर कीमत उतार-चढ़ाव को स्मूद करते हैं और ट्रेंड, सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल की पहचान करने में मदद करते हैं।   
  • वॉल्यूम एनालिसिस: कीमत के साथ-साथ वॉल्यूम भी देखना चाहिए। इससे पता चलता है कि ट्रेंड कितना मजबूत है। एंट्री और एक्जिट स्ट्रैटेजी भी महत्वपूर्ण है। 
  • कंफर्मेशन सिग्नल: पैटर्न बनने के बाद अन्य इंडिकेटर के संकेतों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।   
  • स्टॉप लॉस लगाना: नुकसान सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस जरूर लगाएं।
  • प्रॉफिट टारगेट: कुछ सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल चुनकर प्रॉफिट टारगेट सेट करें। 

इसके अलावा मनी मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सबसे जरूरी हैं। अपना कैपिटल प्रोपर तरीके से मैनेज करना सीखें। एक साथ ज्यादा पैसा लगाने से बचें। धीरे-धीरे प्रैक्टिस करते रहें।

समाप्ति 
आपने समझा कि इंट्राडे ट्रेडिंग में चार्ट पैटर्न कितने अहम होते हैं। इन्हें पहचानना और इनके आधार पर ट्रेडिंग करना बहुत जरूरी है। साथ ही रिस्क मैनेजमेंट, मनी मैनेजमेंट और शांत मन भी काफी जरूरी हैं। अगर आप शेयर बाजार में कदम रखना चाहते हैं तो BlinkX एप को डाउनलोड कर सकते हैं। यहां आप मिनटों में डीमैट अकाउंट भी खोल सकते हैं। यह एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है जहां आप शुरुआती से लेकर एक्सपर्ट तक की सुविधाएं पा सकते हैं। आपको बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा और आप समझदारी से निवेश कर पाएंगे।

इंट्राडे चार्ट पैटर्न से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

चार्ट पैटर्न बाजार के संभावित रुख और बदलाव का संकेत देते हैं। इनकी मदद से हम संभावित मौके पहचान सकते हैं और ट्रेडिंग कर सकते हैं।

डोजी, हैमर, हैंगिंग मैन, एंगलफिंग पैटर्न, मॉर्निंग और ईवनिंग स्टार आदि प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न होते हैं।

एक साथ ज्यादा निवेश करने से बचना चाहिए। धीरे-धीरे प्रैक्टिस करनी चाहिए ताकि नुकसान कम रहे।

चार्ट पैटर्न पहचानना थोड़ा मुश्किल लगता है लेकिन थोड़ी प्रैक्टिस से आसान हो जाता है। धीरे-धीरे सीखें और समझें।

पैटर्न बनने के बाद अन्य संकेतों की प्रतीक्षा करनी चाहिए। स्टॉप लॉस लगाना और प्रॉफिट टारगेट भी सेट करना चाहिए।

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