फ्यूचर्स और ऑप्शन्स स्टॉक लिस्ट के साथ लॉट साइज़

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क्या आप जानते हैं कि शेयर बाज़ार में कमाई कैसे की जाती है? यहां लोग शेयरों का सौदा करते हैं और उनकी कीमतों में आने वाले बदलाव से मुनाफा कमाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि शेयर बाज़ार में एक और तरीका है जिससे आप बहुत कम पैसे लगाकर भी अच्छे मुनाफे कमा सकते हैं? हां, यह संभव है फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) बाज़ार के ज़रिए। इस बाज़ार में लोग शेयरों, मुद्राओं और कमोडिटीज़ पर होने वाले सौदों में पैसा लगाते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
 

क्या है फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) बाज़ार?

फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) एक ऐसा बाज़ार है जहां लोग शेयरों, मुद्राओं और कमोडिटीज़ पर होने वाले सौदों में पैसा लगाते हैं। इसमें वे कहीं से भी ट्रेडिंग कर सकते हैं और बहुत कम पैसे लगाकर भी अच्छा खासा  मुनाफा कमाने की सम्भावना बड़ा सकते हैं । यहां लोग भविष्य में होने वाले शेयर की कीमतों पर दांव लगाते हैं।

लॉट साइज़ क्या है?

लॉट साइज़ वो होता है जिसमें शेयरों की संख्या होती है। जैसे अगर किसी शेयर का लॉट साइज़ 50 है तो आप 50, 100, 150 शेयरों के ही सौदे कर सकते हो।  आप 75 शेयरों का सौदा नहीं कर सकते।

लॉट साइज़ क्यों महत्वपूर्ण है? 

लॉट साइज़ शेयर की कीमत पर निर्भर करता है। अगर शेयर की कीमत बढ़ती है तो लॉट साइज़ छोटा किया जाता है।  और अगर कीमत कम होती है तो लॉट साइज़ बड़ा किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि छोटे निवेशकों को भी ट्रेडिंग करने का मौका मिले।
 

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सामग्री की तालिका

  1. क्या है फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) बाज़ार?
  2. भारत के F&O बाज़ार में लॉट साइज़ क्या है?
  3. निफ्टी इंडेक्स और उनके लॉट साइज़
  4. शेयरों के लॉट साइज़ - ज़्यादा और कम 
  5. लॉट साइज़ क्यों बदलता है?

भारत के F&O बाज़ार में लॉट साइज़ क्या है?

निफ्टी 50 भारत का प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक है। इसमें देश की शीर्ष 50 कंपनियों के शेयर शामिल हैं। फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) बाजार में निफ्टी 50 के लिए उपलब्ध अनुबंधों का लॉट साइज 50 है। यह मतलब है कि निफ्टी 50 फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के लिए न्यूनतम कॉन्ट्रैक्ट साइज 50 शेयर है। इसे और आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन केवल 50 शेयरों के गुणकों में। इसलिए, एक निवेशक निफ्टी 50 के फ्यूचर्स और ऑप्शन्स में 50, 100, 150 शेयरों के अनुबंध खरीद या बेच सकता है, लेकिन वह 75 शेयरों का अनुबंध नहीं ले सकता है।
 

निफ्टी इंडेक्स और उनके लॉट साइज़

नीचे निफ़्टी इंडेक्स और उनके कुछ लोट साइज की जानकारी  है:

इंडेक्स

लॉट साइज़

निफ्टी 50

50

बैंक निफ्टी

15

मिड कैप निफ्टी

75

फिनैंशियल सर्विसेज़ निफ्टी

40

शेयरों के लॉट साइज़ - ज़्यादा और कम 

अब हम कुछ शेयरों के बारे में बात करेंगे जिनका लॉट साइज़ सबसे ज्यादा है।

शेयर जिनका लॉट साइज़ सबसे ज़्यादा है:

शेयर

लॉट साइज़

वोडाफोन आइडिया

80,000

जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रा

22,500

पंजाब नेशनल बैंक

16,000

और कुछ शेयरों के बारे में बात करेंगे जिनका लॉट साइज़ सबसे कम है।
 

शेयर जिनका लॉट साइज़ सबसे कम है:

शेयर

लॉट साइज़

एमआरएफ

10

पेज इंडस्ट्रीज़

15

श्री सीमेंट

25

लॉट साइज़ क्यों बदलता है?

नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जो उत्तर देते हैं कि लॉट  साइज़ क्यों बदलता रहता है:

  • लॉट साइज़ बदलता रहता है ताकि ट्रेडिंग आसान रहे और छोटे निवेशक भी शामिल हो सकें।
  • जब शेयर की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो लॉट साइज़ कम कर दिया जाता है।
  • जब कीमत कम हो जाती है तो लॉट साइज़ बढ़ा दिया जाता है।
  • ये बदलाव स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से किए जाते हैं।
     

समाप्ति
लॉट साइज़ आपको कम पैसे से भी ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है। बस सावधानी बरतें और धीरे-धीरे सीखते रहें। BlinkX जैसे विश्वसनीय प्लेटफॉर्म पर आप आसानी से डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। यहां आपको कोई छुपा शुल्क नहीं देना पड़ेगा।  अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो BlinkX ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।  यह एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। यहां आपको कस्टमाइज़्ड अलर्ट्स भी मिलेंगे, जिससे आप बाज़ार से जुड़े रहेंगे। आप बिना किसी छुपे हुए शुल्क के ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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लॉट साइज़ से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नहीं, यह आसान है बशर्ते आप सावधानीपूर्वक और धीरे-धीरे सीखें।

हां, लॉट साइज़ शेयर की कीमत पर निर्भर करता है। कीमत बढ़ने पर लॉट साइज़ कम और कीमत घटने पर बड़ा हो जाता है।

नहीं, आपको केवल शेयर के निर्धारित लॉट साइज़ या उसके गुणकों पर ही ट्रेडिंग करनी होगी।

स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से लॉट साइज़ बदलने की घोषणा की जाती है।

हां, BlinkX आपको प्रत्येक शेयर का लॉट साइज़ और उसमें किए गए बदलावों की जानकारी देगा।